Tuesday, April 19, 2016

फैन रिव्यु by अभिषेक





फिल्म -फैन
निर्देशक -मनीष शर्मा
 रिलीज़ दिनांक :15 अप्रैल 2016  निर्माण कंपनी -यश राज फिल्म्स 

                             रेटिंग -  3. 5     स्टार by Abhishek 

बॉलिवुड के किंग खान को सिल्वर स्क्रीन के साथ-साथ रीयल लाइफ में भी खुद को सुपरस्टार के तौर पर देखना और अपनी फिल्मी इमेज को रीयल लाइफ के साथ जोडना कुछ ज्यादा ही पसंद है, करीब 6 साल पहले किंग खान ने बतौर प्रड्यूसर अपनी कंपनी के बैनर तले बिल्लू टाइटिल से फिल्म बनाई, इस फिल्म में भी किंग खान ने सिल्वर स्क्रीन के सुपरस्टार साहिर खान का किरदार किया, जिसमें फैन एक छोटे से गांव मे अपने चहेते सुपरस्टार की एक झलक पाने के लिए घंटों धूप में तपते रहते हैं तो सहिर खान की फिल्म की शूटिंग देखने के लिए एक ऊंचे पेड की टहनी पर जोखिम लेकर बैठे रहते हैं। बेशक बिल्लू की कहानी एक सुपरस्टार और उसके बिछड़े गरीब दोस्त के इर्दगिर्द घूमती थी, वहीं फैन सुपरस्टार के एक ऐसे फैन की कहानी है जो अपने चहेते सुपरस्टार से मिलने और उसके साथ चंद मिनट बिताने की खातिर कुछ भी कर सकता है। इस फिल्म में किंग खान ने सुपरस्टार आर्यन खन्ना का किरदार निभाया है जो कामयाबी की बुलंदियों पर है। उसके लाखों फैन हैं लेकिन आर्यन अपने सबसे बड़े फैन के लिए चंद मिनट का वक्त भी नहीं निकालता। यश राज फिल्म्स कैंप के साथ इससे पहले बैंड बाजा बारात, लेडीज़ वर्सेज रिकी बहल के बाद शुद्ध देसी रोमांस जैसी औसत हिट फिल्म बना चुके डायरेक्टर मनीष शर्मा ने यकीनन इंडस्ट्री के सुप स्टार के साथ एक ऐसे सब्जेक्ट पर फिल्म बनाने का जोखिम उठाया जो कहीं ना कहीं सिंगल स्क्रीन थिएटरों के साथ-साथ बी और सी सेंटरों के बॉक्स आफिस के लिए जोखिम भरा हो सकता है। अगर इंटरवल तक फैन आपको किंग खान पर एक बनी एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म होने का भ्रम कराती है तो इंटरवल के बाद जब डायरेक्टर को कुछ नया और अलग दिखाना चाहिए था तब वहीं मनीष शर्मा कुछ ऐसे भटके कि आखिर तक ट्रैक पर नहीं लौट पाए


कहानी: दिल्ली की एक कॉलोनी में रहने वाला गौरव चानना (शाहरुख खान, डबल रोल ) बचपन से ही बॉलिवुड के सुपरस्टार सुपर आर्यन खन्ना (शाहरुख खान) का जबर्दस्त फैन है। रीयल लाइफ में गौरव खुद को सुपरस्टार जैसा ही मानता है। आर्यन के प्रति गौरव की दीवानगी का आलम यह है कि उसका सारा रूम किंग खान की फिल्मों के पोस्टरों वगैरह से भरा पड़ा है। दूसरी ओर, गौरव चानना की शक्ल कुछ हद तक सुपरस्टार शाहरुख खान से मिलती है। ऐसे में गौरव एक दिन शहर में होने वाले एक कॉम्पिटिशन में अपने चहेते सुपरस्टार शाहरुख जैसी ऐक्टिंग करके कॉम्पिटिशन का विनर बन जाता है। गौरव को विनर के तौर पर एक ट्रोफी के साथ मोटी रकम मिलती है। विनर की ट्रोफी हासिल करनके के बाद गौरव अब मुंबई जाकर आर्यन से मिलना चाहता है। दिल्ली में गौरव के पापा (योगेंद्र टिक्कू) का जमाजमाया साइबर कैफे का बिज़नस है, लेकिन गौरव अपने इस फैमिली बिज़नस को छोड़ किसी भी तरह से आर्यन तक पहुंचना चाहता है। अब जब गौरव के पास अपने चहेते सुपरस्टार से मिलने की वजह यानी विनर ट्रोफी भी है तो वह राजधानी एक्सप्रेस से मुंबई पहुंचकर उसी होटेल में उसी कमरा नंबर 205 में ठहरता है, जहां दिल्ली से आने के बाद शाहरुख खान पहली बार ठहरे थे। इसी बीच हालात ऐसे बनते हैं कि आर्यन इंडस्ट्री के एक साथी को थप्पड़ मारने के विवाद में फंस जाता है, वहीं गौरव लाख कोशिशों के बावजूद भी अपने चहेते सुपरस्टार से नहीं मिल पा रहा है। मुंबई में कुछ वक्त गुजारने और आर्यन से मिलने में नाकाम रहने की वजह से गौरव को आर्यन से नफरत हो जाती है। यहीं से कहानी में नया टर्न आता है। जब गौरव चानना का मकसद यहीं है कि उसका सुपरस्टार आर्यन उससे माफी मांगे।ऐक्टिंग: एकबार फिर शाहरुख खान ने साबित किया क्यों उन्हें ग्लैमर इंडस्ट्री में किंग खान का मुकाम हासिल है। आर्यन खन्ना और गौरव चानना के किरदारों में शाहरुख खान ने बेहतरीन ऐक्टिंग की है, खासकर गौरव के किरदार को कैमरे के सामने उन्होंने अपने जीवंत अभिनय के दम पर यादगार बना दिया है। इस किरदार के लिए जहां शाहरुख ने वजन घटाया तो मेकअप करने के लिए हर रोज घंटों मेकअप रूम में गुजारे। शाहरुख की डायलॉग डिलीवरी की तारीफ नहीं, कुछ सीन्स में शाहरुख अपनी सुपरहिट फिल्म डर में अपने किरदार की कॉपी करते भी नजर आए। गौरव चानना के पिता के रोल में योगेन्द्र टिक्कू प्रभावित करते हैं। गौरव की मां के रोल में दीपिका अमीन ने अच्छी ऐक्टिंग की है। फिल्म इन्हीं किरदारों के इर्दगिर्द घूमती है। स्पोर्टिंग कॉस्ट कम फुटेज के बावजूद निराश नहीं करती।                                         

डायरेक्शन: मनीष शर्मा ने इंटरवल से पहले की फिल्म को कहीं कमजोर नहीं होने दिया लेकिन इंटरवल के बाद अचानक फिल्म आपके सब्र का इम्तहान लेने लगती है। आर्यन खन्ना को परेशान करने और उससे बदला लेने के लिए गौरव चानना जो रास्ता अपनाता है उस पर हंसी आती है। वहीं, फिल्म में कई ऐसे डायलॅाग भी हैं, जो किंग खान के फैंस की भावनाओं को आहत कर सकते है। लंदन की लोकेशंस में मनीष ने कैमरामैन से अच्छा काम लिया है लेकिन क्लाइमेक्स तक पहुंचते पहुंचते फैन का ट्रैक ही बदल जाता है और कई सारी काल्पनिक घटनाएं घटने लगती है। बेशक स्क्रिप्ट में नयापन है लेकिन प्रस्तुतीकरण और बेहद कमजोर क्लाइमेक्स और बेवजह के लंबे ऐक्शन सीन्स किंग खान के रीयल फैन को अपसेट कर सकते हैं।संगीत: आमतौर से किंग खान की फिल्मों में म्यूजिक कहानी का अहम पार्ट होता है लेकिन ना जाने क्यूं इस फिल्म में कोई गाना नहीं है। फिल्म की रिलीज़ से पहले प्रमोशनलस सॉन्ग जबरा शूट किया जो फिल्म में नहीं है।क्यों देखें: बस अगर आप शाहरुख खान के पक्के फैन हैं तो अपने चहेते स्टार का यह बदला रूप भी देख आए।


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