आज हमारे साथ जो शख्सियत है वो किसी परिचय के मोहताज़ नहीं है हम बात कर रहे है निर्देशक रवि एच० कश्यप जी का जिन्होंने खुल कर बात की मधेपुरा मैगज़ीन के संपादक अभिषेक से
रवि एच कश्यप (फाइल फोटो ) |
नाम -रवि एच ० कश्यप
जन्म -3 नवंबर 1967 ,दरभंगा (बिहार )
शिक्षा -गांधी उच्च विदयालय, कटिहार(बिहार), डी० एस० कॉलेज ,कटिहार (बिहार )
प्रोफेशन -अभिनेता ,लेखक ,निर्देशक
सर फिल्मों में आना कैसे हुआ ?
जब मैं कटिहार में पढता था तब मेरे दोस्त लोग मुझसे कहा करते थे तुम हीरो जैसे लगते हो तुमको तो फिल्मों में होना चाहिए ,उस समय मेरा फिल्मों के प्रति रुझान आया बी.कॉम कम्प्लीट करने के बाद रेलवे का एग्जाम दिया ,रेलवे में टी.टी की नौकरी लगी ,(हँसते हुए )पर दोस्तों ने जो फिल्मों के लिए उकसा दिया मन तो फिल्मों में था 1990 में मुंबई आया | दो- तीन फिल्में as a hero शुरू हुआ पर बन नहीं पाई उसके बाद मेरा निर्देशन मे रूचि आई, फिर मैंने ज्योति स्वरूप जी को असिस्ट किया उसके बाद मैंने सीरियल "करुक्षेत्र " ,"सुख -दुख ","हम है कमाल के ","ब्लू आईस ","परवरिश " इत्यादि का निर्देशन किया | फिर मैंने भोजपुरी फिल्म "राजा जी " का निर्देशन किया ,उसके बाद "लागी तोहसे लगन ","भौजी आई हमार अंगना ", और अब पवन सिंह को लेकर "जहरीला " बन रहा हुँ
सर ,आपको नहीं लगता भोजपुरी में ज्यादा नक़ल किया जाता है ?
मैं इस बात से इंकार नहीं करूँगा ,नक़ल तो होती ही है मैं इसमें दो आदमी की गलती समझता हु एक निर्माता की और दूसरा निर्देशक की जब तक निर्माता बजट और निर्देशक अच्छी कथा ,संगीत ,एक्शन इत्यादि नहीं लाएगा भोजपुरी सिनेमा का उत्थान संभव नहीं है नाम नहीं बताऊंगा पर एक फिल्म आई थी आतंकवाद पर आधारित थी और ठीक उसी टाइप के टाइटल के दो -तीन फिल्म आ रही है आजकल नाग--नागिन पर भी बहुत फिल्म आ रही है भोजपुरी में जब कोई दूसरे भाषा की फिल्म नक़ल की जाती है तो ओरिजनल फिल्म से काफी अलग हो जाती है जबकि दर्शक हमेशा उसकी तुलना ओरिजनल फिल्म से करते है जिससे दर्शक में भी भोजपुरी फिल्म को लेकर रूचि काफी घट गई , मैं हमेशा फिल्म मे नई चीज़ ला रहा हू चाहे मेरी फिल्म "राजा जी " ,"लगी तोहसे लगन " ,राजा जी में मैंने पहली बार भोजपुरी मे बॉलीवुड ,साउथ टाइप का एक्शन डाला था तो "लगी तोहसे लगन " का हैरतअंगेज एक्शन ।
सर आपको नहीं लगता ,आजकल जो गंदे ,फूहड़ भोजपुरी गाने आ रहे है उस पर रोक लगना चाहिए ?
बिलकुल ! मैं इससे सहमत हू ऐसी गानों पर जरूर रोक लगनी चाहिए इस से हमारी संस्कृति नष्ट हो रही है इस पर सभी को ध्यान देना चाहिए और मैं आवाज़ भी उठाता हुँ की इसपर सरकार को भी सोचना चाहिए
तेलगु ,तमिल ,कन्नड़ ,पंजाबी ,गुजरती एवं मराठी इत्यादि क्षेत्रीय फिल्मोद्योग से भोजपुरी का मार्केट काफी बड़ा है फिर भी यहाँ गुणवत्तापूर्ण फिल्म नहीं बन रही है क्या कहेंगे इस पर ?
मैंने पहले भी कहा था जब तक निर्माता ,निर्देशक नहीं चाहेंगे तब तक भोजपुरी सिनेमा का यही हाल रहेगा भाषा हो दर्शक हमेशा A -ग्रेड की फिल्म चाहते है पर हमारे निर्देशक C-ग्रेड की फिल्म बना रहे है जब तक नयापन नहीं लाओगे दर्शक वर्ग नहीं बढ़ेगा ,आजकल ये फूहड़ गीत -संगीत इसके पतन का करक है जो इसे बढ़ने नहीं दे रहा ,इन गीतों के कारन मध्यवर्गीय परिवार भोजपुरी फिल्म नहीं देख रहे है जबकि जयादा संख्या मध्यवर्गीय परिवार का ही है ये सब क्वॉलिटी मांगते है अच्छी कहानी ,गीत -संगीत ,सब कुछ , सोच बदलनी होगी फिल्ममेकर्स को सोचना होगा, तब बदलेगा
फिल्म "जहरीला " के बारे मे काफी चर्चा हो रही है इसके बारे मे बताये ?
जहरीला एक अलग टाइप की फिल्म है इसमें पवन सिंह मुख्य भूमिका में है उसके साथ पांच हिरोइन है मेरा मनना है की बार -बार एक ही कलाकार को देखने से दर्शक भी नीरस महसूस करते है इसलिए मैंने इसमें साउथ के प्रसिद्ध विलेन सत्यप्रकाश को लिया है यह एक शापित लड़के की कहानी है यह एक सुपरहीरो टाइप की फिल्म है इसमें कृष फिल्म की तरह एक्शन होगा ,इसलिए साउथ के मशहूर एक्शन डायरेक्टर थ्रिलर मंजू को लिया है रेनू के सेठ इनके निर्माता है यह बिग बजट की फिल्म बन रही है मेरी हमेशा कोशिश रही है मैं दर्शक को A -ग्रेड की फिल्म दू ।
तो सर क्या "जहरीला " को भोजपुरी की आइकोनिक फिल्म मानू ,क्या ये फिल्म भोजपुरी की आनेवाली फिल्म का मार्गदर्शन करेगी ?
जरूर ,ये आनेवाली फिल्म की मार्गदर्शन करेगी ,यह हमारी शरुआत है भोजपुरी फिल्म को बेहतर बनने की ।
राजा जी |
लागी तोहसे लगन स्टार कास्ट |
फिल्म लागी लगन के स्टारकास्ट साथ निर्देशक रवि एच ० कश्यप
शूटिंग के दौरान निर्देशक रवि एच ० कश्यप
अभिनेत्री काजल राघवानी के साथ
निर्देशक रवि एच ० कश्यप की अपकमिंग फिल्म
"भौजी आई हमार अंगना " का फर्स्ट लुक
निर्देशक रवि एच ० कश्यप |
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