Friday, April 1, 2016

दूसरी पास इस कवि की कविताएं पढ़ पीएचडी कर रहे छात्र



 




बीते दिनों राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पदमश्री और पदमभूषण से कुछ हस्तियों को नवाजा। जिनमें बॉलीवुड़ के शहंशाह अमिताभ बच्चन, अभिनेता अनुपम खेर, अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा प्रमुख रहे। इन सबके अलावा भी एक शख्स ऐसे हैं, जिन्हें महामहिम ने पद्मश्री से नवाजा। उनका नाम है हलधर नाग।

ओडिशा के 66 वर्षीय कवि हलधर नाग के बारे में शायद आप ज्यादा नहीं जानते होंगे, लेकिन जब आप उनके बारे में जानेंगे तो खुद यह सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि उनकी उपलब्धि कितनी बड़ी है।

हलधर नाग का वचपन
जन्म ओडिशा के बाडगढ़ जिले के घेंस गांव में बेहद ही गरीब परिवार में हुआ था। वे तीसरी क्लास के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर सके थे। 10 साल के थे तो पिता की मृत्यु हो गई और उन्होंने स्कूल छोड़ दिया था। वह यहां तक की पढ़ाई भी काफी मुश्किल हालात में किया, लेकिन, आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि आज पीएचडी करने वाले छात्रों के सबजेक्ट की लिस्ट में वे हमेशा शामिल रहते हैं। उनके नाम पर पांच थिसिस दर्ज हैं और जल्द ही वह ओडि़शा स्थित संबलपुर यूनिवर्सिटी के सिलेबस में वे शामिल की जाएंगी।

वे कहते हैं कि एक विधवा के बच्चे का जीवन बहुत ही मुश्किल भरा रहता है। उनके मुताबिक, पास ही की एक मिठाई की दुकान में बर्तन मांजने का काम शुरू कर दिया, ताकि वो अपने परिवार की आर्थिक तौर पर सहायता कर सकें।

हाईस्कूल में कुक का काम
दो साल बाद एक गांव के सरपंच उन्हें हाईस्कूल ले गये, यहां पर वे एक कुक के तौर पर काम किया। लगभग 16 साल तक वे यहां कुक के तौर पर काम करते रहे। धीरे-धीरे उस इलाके में कई स्कूल खुल गए। इसके बाद उन्होंने बैंक से 1,000 रुपए लोन लेकर स्कूली बच्चों के लिए स्टेशनरी और खाने-पीने के दूसरे सामानों वाली एक छोटी सी दुकान खोल ली।


साभार-फेसबुक पेज।


हलधर नाग की रचना
अपनी पहली कविता 1990 में 'धोडो बारगाछ' लिखी थी। इसका मतलब होता है बरगद का पुराना पेड़। इस कविता को एक स्थानीय पत्रिका में जगह मिली। इसके बाद उन्होंने अपनी चार कविताओं को पब्लिश होने के लिए भेजा। उन्होंने गांव वालों को अपनी कविताएं सुनाना शुरू किया, जिससे वह उन्हें याद रख सकें और गांववाले भी बड़े प्यार से उनकी कविताएं सुनते थे। लोगों को हलधर की कविताएं इतनी पसंद आई कि वो उन्हें लोककवि के नाम से बुलाने लगे। उनकी रचनाएं समाज, धर्म, मान्यताओं और बदलाव जैसे विषयों पर आधारित होती हैं। उनका मानना है कि कविता समाज के लोगों तक संदेश पहुंचाने का सबसे अच्छा तरीका है।

कवि हलधर नाग को अपनी हर कविता याद है। उन्होंने 20 कविताएं लिखी हैं और वे सभी उन्हें याद हैं। वे अपनी कविताओं को याद रखने के लिए हर दिन तीन से चार प्रोग्राम में शिरकत करते हैं।

नंगे पैर रहते हैं कवि हलधर नाग
नंगे पांव रहते हैं। उन्होंने कभी किसी भी तरह का जूता या चप्पल नहीं पहना है। बस एक धोती और बनियान पहनते हैं। कहते हैं कि इन कपड़ो में वो अच्छा महसूस करते हैं।

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